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लेखनी प्रतियोगिता -24-May-2024

दैनिक प्रतियोगिता हेतु

विषय : स्वैच्छिक ( कहानी)

*ज्ञान चक्षु खोल कर कार्य करो* 👁️

जब महाभारत के युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण ने कर्ण से पूछा कि -" तुम अधर्म ,असत्य के साथ क्यों खड़े हुए ??
 सत्य का , अपने भाइयों का, माता का, देश का साथ छोड़ा ,क्यों ?? 

*पहली बात 
महाभारत में*
*कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछी...*

मेरी माँ ने मुझे जन्मते ही त्याग दिया,
क्या ये मेरा अपराध था कि मेरा जन्म
एक अवैध बच्चे के रूप में हुआ?

*दूसरी बात*
*महाभारत में*
*कर्ण ने श्रीकृष्ण से पूछी...*

दोर्णाचार्य ने मुझे शिक्षा देने से मना
कर दिया था क्योंकि वो मुझे क्षत्रीय
नहीं मानते थे,क्या ये मेरा कसूर था.

*तीसरी बात*
*महाभारत में*
*कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछी...।*

द्रौपदी के स्वयंवर में मुझे अपमानित
किया  गया,क्योंकि  मुझे  किसी
राजघराने का कुलीन व्यक्ति नहीं
समझा गया.

बुराई ने ,अधर्म ने ,असत्य ने ही मेरा साथ दिया उस वक्त तो मैं उनके साथ हो गया l मेरी परिस्थितियों ने मुझे हिंसक ,अत्याचारी बनाया , मेरी क्या गलती है इसमें ??

*श्री कृष्ण मंद मंद मुस्कुराते*
*हुए कर्ण से बोले,सुन...*

हे कर्ण, मेरा जन्म जेल में हुआ था.
मेरे पैदा होने से पहले मेरी मृत्यु
मेरा इंतज़ार कर रही थी.
जिस रात मेरा जन्म हुआ,
उसी रात मुझे माता-पिता से अलग होना पड़ा.
मैने गायों को चराया और गायों के
गोबर को अपने हाथों से उठाया.
जब मैं चल भी नहीं पाता था,तब
मेरे ऊपर प्राणघातक हमले हुए.
मेरे पास कोई सेना नहीं थी,
कोई शिक्षा नहीं थी,
कोई गुरुकुल नहीं था,
कोई महल नहीं था,

 फिर भी
मेरे मामा ने मुझे अपना
सबसे बड़ा शत्रु समझा.


बड़ा होने पर मुझे ऋषि
सांदीपनि के आश्रम में
जाने का अवसर मिला.जहां से मैंने समस्त ज्ञान सीखा l 

जरासंध के प्रकोप के कारण, 
मुझे अपने परिवार को यमुना से ले जाकर सुदूर प्रान्त,समुद्र के किनारे द्वारका में बसना पड़ा.

*हे कर्ण...*
किसी का भी जीवन चुनौतियों से
रहित नहीं है.सबके जीवन में
सब कुछ ठीक नहीं होता.
सत्य क्या है और उचित क्या है?
ये हम अपनी आत्मा की आवाज़
से स्वयं निर्धारित करते हैं.
इस बात से *कोई फर्क नहीं पड़ता,*
कितनी बार हमारे साथ अन्याय होता है.
इस बात से *कोई फर्क नहीं पड़ता,*
कितनी बार हमारा अपमान होता है.
इस बात से भी *कोई फर्क नहीं पड़ता,*
कितनी बार हमारे अधिकारों का हनन होता है.

*फ़र्क़ तो सिर्फ इस बात से पड़ता है*
*कि हम उन सबका सामना किस प्रकार ज्ञान  के साथ करते हैं.*

*ज्ञान है तो ज़िन्दगी में हर पल मौज़ है,*
*वरना समस्या तो सभी के साथ रोज  है*।

*अपर्णा गौरी शर्मा 🕉️*

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3 Comments

Gunjan Kamal

03-Jun-2024 02:28 PM

👏🏻👌🏻

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HARSHADA GOSAVI

24-May-2024 03:35 PM

Beautiful

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Thank you so much

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